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तेंदुआ मादा को 3 शावकों के साथ हलचल करते कैमरे में कैद किया सेवा संस्था के सावन बहेकार ने..
प्रतिनिधि। 21 मई
गोंदिया। नवेगांव-नागझिरा के कॉरिडोर एवं बफर क्षेत्र में 16 मई बौद्ध पूर्णिमा को हुई वन्यजीव गणना में वन्यजीवों को खुली आंखों से निहारकर स्वयंसेवी सदस्य बेहद प्रफुल्लित हुए। सेवा संस्था, पिछले 6-7 सालों से वनविभाग के साथ सहभागी होकर इस उपक्रम में सहयोग प्रदान कर रही है।
इस वर्ष संपूर्ण कॉरिडोर में करीब 15-16 मचान वन्यजीव के पानी पीने के स्थान पर बनाई गई। एफडीसीएम जांभली 1 व 2 वनपरिक्षेत्र में 13 मचान, प्रादेशिक वन परिक्षेत्र सड़क अर्जुनी में 2 मचान तैयार की गई। वन्यजीव गणना हेतु इन मचानों में 1 से 2 सेवा संस्था के स्वयंसेवी एवं 1 से 2 वनकर्मी बैठाए गए।
सेवा संस्था के अध्यक्ष सावन बहेकार ने बताया कि नवेगांव-नागझिरा कॉरिडोर का ये क्षेत्र वन्यजीवों के अनुसंधान के लिए बेहद महत्वपूर्ण है। वन्यजीव गणना में कॉरिडोर व बफर क्षेत्र दुर्लक्षित रहता था, सेवा ने इस क्षेत्र को चुनकर इसकी शुरुवात की।
वन्यजीव गणना के दौरान सेवा संस्था के अध्यक्ष सावन बहेकार व चेतन जसानी को एक मादा तेंदुआ अपने 3 शावकों के साथ दिखाई दी। वही अन्य स्वयंसेवी सदस्यों व वन कर्मियों को कुल 7 तेंदुआ, भालू-8, रानगवा -80, जंगली कुत्ते-25, हिरन-चीतल-40, चौसिंगा/कोटरी-2, जंगली सुअर-77, बंदर-200, नीलगाय-46, मोर- 13, जंगली बिल्ली-2, उड़ने वाली खार-1, सालू-2 दिखाई दिए।
इस कार्य में सेवा संस्था के अध्यक्ष सावन बहेकार, वनविकास महामंडल के नितिन सिंग, विभागीय व्यवस्थापक श्री नंदेश्वर, वनपरिक्षेत्र अधिकारी जांभली 1 व 2 श्री लांबट, सेवा के चेतन जसानी, अविजित परिहार, शशांक लाडेकर, के कन्हैया उदापुरे, हवन लटाये, पवन सोयाम, नदीम खान, बंटी शर्मा, सिद्धि वड़के, भूपेन कुलकर्णी, दिलेश कुसराम, लोकेश भोयर, ध्यानचंद भास्कर, गौरव मटाले, पराग जीवानी, प्रतिक बोहरे, सुशील बहेकार, बादल मटाले, प्रवीण मेंढे, सतीश भोंडे, संदीप तुरकर, रिषभ मारवाडे, दलजीतसिंग मान ऐसे कुल 25-30 सदस्यों ने मिलकर निसर्ग का अनुभव लेकर उपक्रम को सफल बनाया।